f DELHI HIGH COURT: FIR को रद्द करने के लिए अनोखी शर्त || FIR Quash

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DELHI HIGH COURT: FIR को रद्द करने के लिए अनोखी शर्त || FIR Quash

DELHI HIGH COURT: FIR को रद्द करने के लिए अनोखी शर्त || FIR Quash


हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट ने एक परिवार के ऊपर FIR को रद्द करने के लिए अनोखी शर्त लगाई लिए है आइये जानते हैं क्या थी यह शर्त और क्या था यह मामला कैसे का टाइटल है ओम कुमार एंड ओआर एस V/S स्टेट ऑफ दिल्ली केस की सुनवाई जस्टिस अनूप कुमार मेहदीरथा की बेंच कर रही थी दिल्ली हाई कोर्ट ने 2 में 2024 को एक अनोखा फैसला सुनाया जिसमें सीआरपीसी के सेक्शन 284 के आवेदन के तहत विचार किया गया था। 

जिसमें एक पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई FIR आईपीसी केसेक्शन 323, 354, 452, 506, और 34 आईपीसी के तहत FIR को रद्द करने की मांग की गई थी, और इसी मामले में विचार करते हुए कोर्ट ने कहा कि कोर्ट के लिए किसी भी मामले में बल देने से पहले उसे मामले की गंभीरता को देखना बहुत जरूरी होता है, क्योंकि कई अपराध ऐसे होते हैं जैसे की हत्या बलात्कार डकैती इसमें अगर समझौता हो भी जाए तब भी इसमें FIR को रद्द नहीं किया जा सकता। 


लेकिन कुछ अपराध ऐसे होते हैं जो समझोते के आधार पर ख़त्म किये  जा सकते हैं और समाज पर इनका बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ता उन्हें सीआरपीसी के क्षेत्र 482 के तहत सुना जा सकता है यह मामला 23 फरवरी 2015 का है जहां पर डिपेंडेंट ने आरोप लगाया कि उसके पड़ोसी और उसकी फैमिली के मेंबर्स ने उसे और उसके परिवार के सदस्यों पर हमला किया था जिसमें छेड़छाड़ भी हुई और मारपीट भी हुई इस घटना के बाद अलग-अलग धाराओं के तहत फिर को दर्ज किया गया था जिसके बाद कोर्ट में उन दोनों पार्टियों के बीच समझौता हो गया था।


और अपराध  के नेचर को देखते हुए जस्टिस मेहंदी रता ने कहा कि यह समझौता पार्टियों के बीच जब भी होता है समाज में एक बढ़ावा मिलता है और जब पार्टियों के बीच समझौता हो जाता है तो सजा की संभावना भी काम हो जाती है उन्होंने एक अनोखी शर्त लगाते हुए कहा कि उन्हें दिल्ली के सरकारी पार्कों में तीन फीट ऊंचाई तक के 50 पौधे लगाने होंगे और यह पौधे किसी अधिकारी की देखरेख में लगे जाएंगे और उन पौधों की तस्वीर भी खींचे जाएंगे और एक इन्वेस्टिगेशन ऑफीसर इसकी रिपोर्ट 8 हफ्तों के भीतर कोर्ट में जमा भी करवाएगा और अगर पार्टी ने पेड़ लगाने के निर्देश का पालन नहीं किया तो याचिका कर्ताओं पर 25000/- हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया जाएगा।


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