DELHI HIGH COURT: FIR को रद्द करने के लिए अनोखी शर्त || FIR Quash
लेकिन कुछ अपराध ऐसे होते हैं जो समझोते के आधार पर ख़त्म किये जा सकते हैं और समाज पर इनका बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ता उन्हें सीआरपीसी के क्षेत्र 482 के तहत सुना जा सकता है यह मामला 23 फरवरी 2015 का है जहां पर डिपेंडेंट ने आरोप लगाया कि उसके पड़ोसी और उसकी फैमिली के मेंबर्स ने उसे और उसके परिवार के सदस्यों पर हमला किया था जिसमें छेड़छाड़ भी हुई और मारपीट भी हुई इस घटना के बाद अलग-अलग धाराओं के तहत फिर को दर्ज किया गया था जिसके बाद कोर्ट में उन दोनों पार्टियों के बीच समझौता हो गया था।
और अपराध के नेचर को देखते हुए जस्टिस मेहंदी रता ने कहा कि यह समझौता पार्टियों के बीच जब भी होता है समाज में एक बढ़ावा मिलता है और जब पार्टियों के बीच समझौता हो जाता है तो सजा की संभावना भी काम हो जाती है उन्होंने एक अनोखी शर्त लगाते हुए कहा कि उन्हें दिल्ली के सरकारी पार्कों में तीन फीट ऊंचाई तक के 50 पौधे लगाने होंगे और यह पौधे किसी अधिकारी की देखरेख में लगे जाएंगे और उन पौधों की तस्वीर भी खींचे जाएंगे और एक इन्वेस्टिगेशन ऑफीसर इसकी रिपोर्ट 8 हफ्तों के भीतर कोर्ट में जमा भी करवाएगा और अगर पार्टी ने पेड़ लगाने के निर्देश का पालन नहीं किया तो याचिका कर्ताओं पर 25000/- हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया जाएगा।
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