विवाहेतर संबंधों पर पंजाब हाई कोर्ट ने दिया महत्वपूर्ण फैसला |
पराए पुरुष से संबंध तो तलाक के बाद स्थायी गुजारा भत्ता पाने का कोई अधिकार नहीं रहता
पराए पुरुष से संबंध रखने वाली महिला पति से तलाक के बाद उससे स्थायी गुजारा राशि पाने की हकदार नहीं है। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने ऐसे मामलों में स्पष्ट किया है कि यदि तलाक से पहले यह साबित हो जाए कि महिला के पराए पुरुष से संबंध हैं और ये तलाक मंजूर करने का एक कारण है। फिर ऐसे मामलों मैं महिला अपने पति से तलाक लेने के बाद उससे स्थायी गुजारा राशि (एलिमनी) हासिल करने को हकदार नहीं है।
जस्टिस रितु बाहरी व जस्टिस निधि गुप्ता की खंडपीठ ने ऐसे ही एक मामले में यह फैसले सुनाते हुए महिला की स्थायी निर्वाह राशि दिलाए जाने की मांग को खारिज कर दिया। महिला की तरफ से याचिका दायर कर अंबाला की फैमिली कोर्ट के फैसले को खारिज करने की मांग की गई जिसमें स्थायी गुजारा राशि की मांग को स्वीकार नहीं किया गया।
अत्याचार पर महिला गुजारा भत्ता राशि पाने की हकदार।
फैसले में कहा कि यदि अत्याचार के आधार पर तलाक की मांग को मंजूर किया जाए तो महिला गुजारा राशि हासिल करने की हकदार है। यदि यह साबित हो जाए कि पराए पुरुष से संबंध है और इस आधार पर तलाक मंजूर हुआ है तो गुजारा भते का हक नहीं रह जाता है।
शादी के 17 साल बाद पति ने घर छोड़ा।
8 मई 1989 को उनकी शादी हुई थी। उन्हें कोई संतान नहीं हुई। इससे परेशान पत्नी ने पति को नामर्द कहना शुरू कर दिया। पत्नी मुहल्ले में रहने वाले एक जेल अधिकारी के साथ आपत्तिजनक हालात में पकड़ी गई। पति ने शादी के 17 साल बाद घर छोड़ दिया और तलाक मांगा।
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