f बिहार में जातिगत जनगणना नही होगी।

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बिहार में जातिगत जनगणना नही होगी।

 


बिहार में जातिगत जनगणना नही होगी। 

बिहार में जातिगत सर्वे को लेकर राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इन्कार करते हुए जातिगत सर्वे पर अंतरिम रोक हटाने से भी इन्कार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पटना हाईकोर्ट 3 जुलाई को सुनवाई करेगा, बिहार सरकार हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखे। हम फिर 14 जुलाई को सुनवाई करेंगे। बिहार में जाति सर्वेक्षण का पहला दौर 7 से 21 जनवरी के बीच आयोजित किया गया था। 

दूसरा दौर 15 अप्रैल को शुरू हुआ था और 15: मई तक जारी रहने वाला था। जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस राजेश बिंदल की पीठ ने कहा कि यह जांच करनी होगी कि क्या किया जा रहा अभ्यास सर्वेक्षण की आड़ में जनगणना है। जस्टिस बिंदल ने सुनवाई के दौरान मौखिक रूप से टिप्पणी की कि बहुत सारे दस्तावेज दिखाते हैं कि यह कवायद केवल जनगणना है। पीठ ने कहा, हम यह स्पष्ट कर रहे हैं, यह ऐसा मामला नहीं है जहां हम आपको अंतरिम राहत दे सकते हैं। 

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि सर्वे कर बिहार सरकार लोगों के निजी डेटा को कैसे संरक्षित करेगी। इस पर सरकार ने कहा कि निजता को संरक्षित करने की जिम्मेदारी बिहार सरकार की है, सरकार ने इसकी तैयारी कर रखी है। बिहार सरकार की तरफ से कहा गया कि मामले में हाईकोर्ट ने पूरे पक्ष को नहीं सुना हाईकोर्ट ने तत्काल रोक लगा दी। सर्वे का 80 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।

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