Marriage registration || विवाह पंजीकरण कराना हुआ और भी मुश्किल ?
अब शादी का रजिस्ट्रेशन करने के लिए वर और वधु को उपहार के रूप में मिले हुए समस्त सामान की सूची दाखिल करनी होगी यही तभी जाकर विवाह का पंजीकरण किया जाएगा इससे पहले विवाह पंजीकरण की प्रक्रिया में वर और वधु दोनों में से किसी एक का शादी का कार्ड और तीन आईडी जैसे कि हाई स्कूल मार्कशीट आधार कार्ड पैन कार्ड वोटर आईडी कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस पासपोर्ट यदि जन्म प्रमाण पत्र इत्यादि।
इनमें से हाई कोर्ट इलाहाबाद द्वारा चार आईडी जो उम्र को प्रमाणित करती है वह है 1.हाई स्कूल मार्कशीट 2. ड्राइविंग लाइसेंस नंबर 3. पासपोर्ट नंबर 4. जन्म प्रमाण पत्र इन चार आईडी में से एक आईडी अनिवार्य है, इसके बिना विवाह का पंजीकरण नहीं हो सकता इसके अलावा वर वधु के शपथ पत्र जहां पर शादी हुई है वहां का पार्षद या ग्राम प्रधान का लेटर यह सभी दस्तावेज पूरे करने के बाद ऑनलाइन करके 30 दिन के अंदर आप कभी भी रजिस्टर के यहां जाकर विभाग का पंजीकरण विवाह का पंजीकरण कर सकते हैं।
लेकिन अब दिनांक 17 मई 2024 से वर और वधू को मिले हुए उपहार के रूप में सम्मान की सूची भी ऑनलाइन अपलोड करनी पड़ेगी तभी जाकर विवाह पंजीकरण हो पाएगा यह आदेश मनीन्द्र कुमार सक्सेना) अपर महानिरीक्षक निबन्धन, उत्तर प्रदेश लखनऊ द्वारा दिया गया है।
कि मा० उच्च न्यायालय द्वारा आपराधिक विविध आवेदन संख्या 10631/2024 अंकित सिंह व अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य में पारित निर्णय दिनांक 08.05.2024 में यह व्यक्त किया गया है कि- The State Government shall also file an affidavit to the effect whether at the time of registration of marriage, list of presents as required by the Dowry Prohibition (Maintenance of Lists of Presents to the Bride and Bridegroom) Rules, 1985 are being taken by the officers and being maintained so that subsequently in the event there is dispute between the parties to marriage with regard to the presents being given in marriage being designated as dowry, the same can be verified.
उपरोक्त के क्रम में अपने अधीन समस्त उपनिबन्धकों/ पदेन विवाह पंजीकरण अधिकारियों को निर्देशित करना सुनिश्चित करें कि उपरोक्त नियमावली 1985 (प्रति संलग्न) में व्यक्त विधि से तैयार की गयी उपहारों की सूची भी विवाह पंजीकरण के समय शपथ पत्र के साथ विभाग के वेब पेज पर उपलब्ध लिंक के माध्यम से अनिवार्य रूप से उभय पक्षों द्वारा अपलोड की जायेगी तथा अभिलेखों में संरक्षित की जायेगी।
इस आदेश का कठोरता से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।
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